बिहार में जमीन से जुड़े विवाद लंबे समय से बड़ी चुनौती बने हुए हैं. इस समस्या को देखते हुए उपमुख्यमंत्री सह राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री विजय सिन्हा ने विभागीय सुधारों की लंबी श्रृंखला का ऐलान किया है. उन्होंने कहा कि राज्य में ज्यादातर शिकायतें जमीन विवादों से जुड़ी होती हैं और सरकार अब इन मामलों पर तेजी से कार्रवाई करेगी.”जमीन विवाद, दाखिल-खारिज और परिमार्जन के मामलों में देरी अब बिल्कुल बर्दाश्त नहीं की जाएगी. भूमि सुधार विभाग की जवाबदेही तय होगी और हर स्तर पर पारदर्शिता लाई जाएगी. इसी को लेकर 12 दिसंबर से भूमि सुधार जनसंवाद कार्यक्रम शुरू कर रहे हैं. नए सिस्टम में देरी करने वाले कर्मचारियों की पहचान कर तुरंत रिपोर्ट मांगी जाएगी.”- *विजय सिन्हा, उपमुख्यमंत्री, बिहार*सरकारी जमीन पर अतिक्रमण को हटाने के लिए बिहार सरकार मार्च 2026 से बड़ा अभियान शुरू करने जा रही है. उपमुख्यमंत्री ने कहा कि यह कार्रवाई बुलडोजर से भी आगे की होगी. अभियान के दौरान बड़े पैमाने पर सरकारी भूमि खाली कराई जाएगी और अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी. जो लोग सरकारी जमीन पर अवैध कब्जे की सच्चाई सामने लाएंगे, उन्हें विभाग सम्मानित भी करेगा. सरकार का लक्ष्य है कि राज्य की सभी सरकारी जमीन को अतिक्रमण से मुक्त कराया जाए.बिहार में फर्जी जमीन कागजात का बड़ा खेल लंबे समय से चिंता का विषय रहा है. इसे रोकने के लिए विभाग ‘उड़न दस्तावेज’ नामक विशेष जांच टीम गठित कर रहा है. यह टीम फर्जी दस्तावेजों के आधार पर होने वाले सौदों की जांच करेगी और दोषियों को पकड़कर कार्रवाई करेगी. जमीन माफिया, फर्जीवाड़े में शामिल सफेदपोश और विभागीय कर्मियों की भी जांच होगी.
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